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सिरमौर में अनोखी शादी हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले में एक अनोखी शादी देखने को मिली है. सिरमौर के गिरिपार क्षेत्र के सालवाला गांव में एक युवक जोड़े की अनोखे तरीके से शादी हुई. शिक्षक प्रवेश भरत और उनकी पत्नी निशा ने एक अनोखी पहल की और बिना किसी रीति-रिवाज या पंडित के शादी कर ली। यह शादी संविधान को साक्षी मानकर की गई थी। शादी में शामिल होने वाले दूल्हे के दोस्तों ने भी विवाहित जोड़े को संविधान निर्माता बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर की फोटो भेंट की।
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बिना पंडित के शादी कर ली
भारतीय संविधान के साक्षी बनकर हुई यह शादी पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बनी हुई है. इस शादी में बिना पंडित और बिना वैदिक मंत्रोच्चार के स्थानीय रस्में निभाई गईं। शादी करने वाला व्यक्ति सरकारी स्कूल में शिक्षक है। युवा शिक्षक का मानना है कि शादी दो दिलों का मिलन है। पारंपरिक रीति-रिवाजों का होना जरूरी नहीं है।
शादी लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गई है
इससे पहले उनके घरवाले भी इस तरह की शादी के लिए राजी नहीं थे, लेकिन काफी बातचीत के बाद लड़का-लड़की अपने घर वालों को मनाने में सफल रहे. शादी की सभी रस्में पूरी हो चुकी थीं। बरात बैंड वाजे के साथ आई लेकिन पंडित जी इस शादी से नदारद रहे। भारतीय संविधान के साक्षी बने दूल्हा-दुल्हन जीवन भर एक-दूसरे का हाथ थामे रहे। फिलहाल सिरमौर जिले समेत पूरे प्रदेश में बिना ब्राह्मण के इस शादी की चर्चा चर्चा का विषय बनी हुई है. लोग इस शादी पर तरह-तरह की राय दे रहे हैं।
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