‘द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल’ का ट्रेलर रिलीज होते ही पश्चिम बंगाल में बवाल मच गया, डायरेक्टर को एक नोट भेजा गया.

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पश्चिम बंगाल की डायरी: सच्ची घटनाओं पर आधारित कही जाने वाली हिंदी फिल्म ‘द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल’ का ट्रेलर रिलीज होते ही विवादों में घिर गया है. पश्चिम बंगाल पुलिस ने इस मामले में फिल्म के डायरेक्टर को लीगल नोटिस भेजा है और पूछताछ के लिए समन भेजा है. बताया जा रहा है कि यह फिल्म पश्चिम बंगाल के चरमपंथी संगठन रोहिंग्या मुसलमानों पर आधारित है।

मेकर्स पर राज्य सरकार को बदनाम करने का आरोप
मेकर्स पर ‘द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल’ के जरिए पश्चिम बंगाल को बदनाम करने की कोशिश करने का आरोप है। जतिंदर नारायण सिंह वसीम रिजवी फिल्म्स प्रस्तुत ‘द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल’ के निर्माता हैं और फिल्म का निर्देशन और लेखन प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक सनोज मिश्रा ने किया है। आपको बता दें कि निदेशक को पश्चिम बंगाल के एमहर्स्ट पुलिस स्टेशन में सीआरपीसी की धारा 41ए के तहत पूछताछ के लिए नोटिस भेजा गया है.

सनोज मिश्रा को 30 मई को पूछताछ के लिए बुलाया गया था
इसके बाद निदेशक सनोज मिश्रा को 30 मई को दोपहर 12 बजे मामले की जांच कर रहे अधिकारी सुभब्रत कर के सामने पूछताछ के लिए थाने में पेश होना होगा. आपको बता दें कि फिल्म ‘द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल’ के संबंध में पश्चिम बंगाल पुलिस ने आईपीसी की धारा 120(बी), 153ए, 501, 504, 505, 295ए और आईटी की धारा 66डी, 84बी दर्ज की है। सिनेमैटोग्राफी एक्ट के एक्ट और सेक्शन 7 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है

क्या कहा सनोज मिश्रा के वकील ने?
वहीं कानूनी नोटिस मिलने के बाद सनोज कुमार मिश्रा के वकील नागेश मिश्रा ने कहा कि प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है और हम कानूनी लड़ाई लड़ेंगे.

ट्रेलर लॉन्च के दौरान मेकर्स ने ममता सरकार पर कई आरोप लगाए
आपको बता दें कि लखनऊ में फिल्म के ट्रेलर लॉन्च के दौरान निर्माता जितेंद्र नारायण सिंह ने कहा था कि पिछले कुछ सालों में पश्चिम बंगाल में स्थिति बहुत खतरनाक हो गई है. बांग्लादेश के चरमपंथी संगठन रोहिंग्या मुसलमानों को वहां बड़े पैमाने पर बसाया जा रहा है. जितेंद्र त्यागी उर्फ ​​वसीम रिजवी ने ममता सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार रोहिंग्याओं को अपना वोट बैंक बना रही है और आधार कार्ड और वोटर लिस्ट में उनका नाम दर्ज करा रही है.

फिल्म कब रिलीज होगी?
फिल्म के निर्माता जितेंद्र नारायण सिंह ने कहा कि इसके कारण रोहिंग्या मुसलमानों की एक बड़ी आबादी पश्चिम बंगाल में, खासकर बांग्लादेश की सीमा से लगे इलाकों में बस रही है. ये रोहिंग्या मुसलमान पश्चिम बंगाल से आईडी बनाकर देश भर में फैल रहे हैं और ये विदेशी आतंकी संगठन पश्चिम बंगाल की ममता सरकार के जरिए एक खास मकसद से पूरे भारत में फैलाए जा रहे हैं. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि इसकी वजह से बंगाल में हिंदुओं पर अत्याचार हो रहा है और उन्हें अपना घर छोड़ने के लिए मजबूर किया जा रहा है। उन्होंने दावा किया था कि फिल्म में बंगाल की इस सच्चाई को दिखाने की कोशिश की गई है। बता दें कि यह फिल्म अगस्त 2023 में रिलीज होने की उम्मीद है।

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